इस सप्तदिवसीय कथा में श्रीमद्भागवत के तीन सार सिद्धांत कृष्ण, कृष्ण भक्ति और कृष्ण-प्रेम पर प्रकाश डाला जाता है। इस कथा के श्रवण करने से मनुष्य को मानव जीवन के साध्य- साधन का ज्ञान हो जाता है।
इस सप्तदिवसीय कथा में श्रीमद्भागवत के दशम् स्कन्ध पर आधारित श्री कृष्ण लीला कथाओं पर प्रकाश डाला जाता है। इस कथा की श्रवण करने से मन अतिशीघ्र श्रीकृष्ण के स्मरण में अनुरक्त हो जाता है।
इस सप्तदिवसीय कथा में श्रीमद्भागवत के द्वादश स्कन्धों का सार सुनाया जाता है जिसमें मुख्य शिक्षाएं एवं लीलाएं सम्मिलित रहती है। इस कथा के श्रवण से समस्त लौकिक एवं पारमार्थिक उद्देश्य पूरे हो जाते है।
एकदिवसीय, द्विदिवसीय एवं त्रिदिवसीय गीता-भगवत सत्संग में श्रीमद्भगवद्गीता व श्रीमद्भागवत महापुराण इन दो श्रेष्ठतम शास्त्रों की सार शिक्षाओं पर प्रकाश डाला जाता है। इसे श्रवण करने से भक्तों में नवचेतना का संचार होता है और सामान्य श्रोताओं में कृष्णभक्ति की प्रेरणा जागृत होती है।
श्रीकृष्ण को जानो।
श्रीकृष्ण को मानो।
श्रीकृष्ण के बन जाओ।